शनिवार, 1 मई 2010

दसवें चन्द्र पर ही होता है जातक का जन्म

यह उपाय बहुत ही सरल है आप तुरंत सिख सकते है

यस्मिन जीवति जीवन्ति बहवा सा तु जीवति


कुरुते किम ना काकोsपि चंच्वास्वोदर पूर्णम



कहानी


बात उस समय की है जब मेरी आयु महज १५ साल की ही थी , और मुझे खेलने कूदने के अलावा और कुछ भी नहीं आता था, अभी अभी मैं दसवीं कक्षा के पेपर दिला कर गर्मी के छुट्टी मानाने में लगा था, कि पापा जी मुझे बोलने लगे की बेटा!


फालतू घुमने से दिमाग भटकता है इसलिए तुम कोई

अच्छी सी किताब पढ़ा करो
सुबह जल्दी उठो
घुमने जाओ दिमाग फ्रेस होता है

आज मेरा सुबह सो कर उठने पहला और यादगार दिन जिसे मैं कभी भी नहीं भूल सकता?
जैसे ही मै सो कर उठा एक आदमी पापा जी के सामने कुछ चिंतित सा बैठा था शायद
उसके गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा उठा था पापा जी मुझे सुबह सुबह देखकर बड़े खुश हुए और बोले ये पर्ची ले जा और दवाई ले आना मैंने पर्ची देखी जिसमे लिखा था (अक्सितोसिन) वैसे नाम तो है अजीब पर है बड़े काम की चीज इसके उपयोग का पता मुझे तब चला जब मैं ........


वैसे मै दवाई ले आया और पापा जी के तरफ देखने लगा?

पापा जी मेरे तरफ देखे और बोले- "इंजेक्सन लगाने आता है?"

मैंने सहमति में सिर हिला दिया

(पर मुझे कुछ नहीं आता था)

मेरे पापा जी के आँखों में मानों चमक आ गयी बोले जा इसके साथ!

अब तो मेरे पैरो के निचे से जमीं खिसक गयी?

हाय राम अब तो मैं ना भी नहीं बोल सकता था?

ये मैंने क्या कह दिया?

मेरी एक बचपन से आदत है मैं बोलने के बाद पीछे नहीं हटता, अब जब बोल ही दिया है तो कर के दिखाओ.........


मैं उस आदमी के साथ हो लिया उसका नाम है मंतु वो चकारवय नाम के गांव में रहता है उसके आलरेडी तिन लडकिया है और लड़के की आस में इस बार फिर ट्राई किया था इसीलिए शायद इतना अधीर हो रहा था उसके घर जाने के बाद समझ में आया ...................

अब मैं उसके घर तो पहुच गया

मन में एक जिज्ञासा लिए

और बहुत सारे डर लिए


अब मुझे पापा जी के बताये निर्देशों का पालन करना था मैंने जाते ही पूछा बच्चा घाट में आ गया क्या और मुझे उस समय इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था?

बस घर से निकलते समय पापा जी मुझे जो बताये थे उसका पालन कर दिया मुझे पापा जी बोले थे की पूछना और अगर हाँ बोले तो एक इंजेक्सन लगा देना


लगभग ६ मिनट बाद बच्चा बाहर आ जायेगा
बच्चा होने के बाद एक और लगा देना
और बच्चे को टिटनेस का इंजेक्सन लगा देना


सामने से आवाज आई हाँ और मेरे हाथ पांव थरथर कांपने लगे....

लेकिन अब डरने से क्या फायदा जब बीड़ा उठा ही लिया है तो पूरा करो मैंने एक लम्बी साँस ली और इंजेक्सन निकाल के उसमे ५ ऍम एल आक्सीटोसिन भर लिया और उस कमरे के अन्दर चला गया जंहा डिलवरी होनी थी जैसे ही उस कमरे के अन्दर प्रवेस किया एक अजीब सा डर मन में घुस गया?

एक तो कमरे में अँधेरा था ऊपर से आँखे और बंद हो गयी?

थोड़ी देर बाद कुछ दिखना शुरू हुआ मैंने देखा की वंहा दो बुजुर्ग महिलाये उस माता को तसल्ली देते हुए खड़ी है और वो मारे दर्द के एक छोटी सी खाट में एठ रही है वैसे तो वो तीन बच्चो की माँ बन चुकी थी इसलिए कहा जाये तो एक तरह से इसके बारे में इस्पिरियेंस रखती थी और वो दो बुजुर्ग महिलाएं गांव में कइयो के बच्चे पैदा कराने में मदद कर चुकी थी

किन्तु एक मै ही अनपढ़ वंहा खड़ा था

मेरे को देखते ही वे बोली वो देख डॉक्टर आ गया फिर बोली अरे तोर पापा नै आइस क


मैंने ना में सिर हिला दिया


मेरे को देख कर वे अचंभित नहीं थे क्योकि वे जानते थे की मै डॉक्टर का बेटा हूँ इसलिए मुझे सबकुछ आता ही होगा


मैंने जैसे तैसे इंजेक्सन लगा दिया किन्तु डर के मारे आधा जमीन पर गिरा तो आधा इंजेक्सन लगा उस समय मै बिलकुल ही अकेला महसूस कर रहा था क्योंकि मै आपने डर को व्यक्त नहीं कर पा रहा था और बताता भी तो किसको अब देखना ये था की क्या सचमुच में बच्चा ६ मिनट के बाद बाहर आता है , वो ६ मिनट जैसे तैसे गुज़रा
भगवान जाने वो ६मिनत मेरे लिए ६ साल से काम नहीं था


और अन्दर से बच्चे के रोने की आवाज आई जो मेरे लिए एक सिख और उस बच्चे के लिए नयी जिनगी थी
अब वो बच्चा पुरे १५ साल का हो गया है उसको जब भी देखता हूँ तो मुझे फिर से वही दृश्य आँखों में घूम जाता है सचमुच प्रकृति का नियम कितना अजीब है ........

और इसी अजीब बातो को जानने के लिए मन कितना उत्सुक रहता है .........

मैंने बहुत सारे ग्रंथों का अध्यन किया है जिसमे यह पाया और पेट्रिकल भी किया मैंने करीब १०० माताओ का अध्यन किया जिसमे पाया की इन अजीब नियमो को भी हम जान सकते है
क्योकि भारतीय ज्योतिष गणना अगर आप सही करते है तो बहुत सारे रहस्यों का खुलासा हो सकता है ........

जैसे डॉक्टर कहते है की एक बच्चा माँ के गर्भ में कुल २७० दिन रह सकते है और उसके बाद उसका बाहर आने का समय हो जाता है ..............

या फिर गर्भ ठहरने से १२ महिना जोड़ लीजिये और फिर उसमे ३ महिना घटा दीजिये फिर ७ दिन जोड़ दीजिये इसी समय भाच्चे का जन्म का समय होता है ..........

किन्तु मै आपको जो बताने जा रहा हूँ उसमे फर्क नहीं हो सकता डॉक्टर तो ढेर सारे उपकरणों के साथ टाइम देते है जिसमे जरुरी नहीं की जिस दिन वे बोले है उसी दिन जन्म होगा............


अगर आप इस प्रक्रिया को सीखते है तो आपको भी मजा आएगा और आप ना जानते हुए भी एक अच्छे ज्योतिषी बन जायेंगे जो किसी का फिक्स जन्म समय बता दे और चुके भी ना ......


यह उपाय बहुत ही सरल है आप तुरंत सिख सकते है

सबसे पहले आपको चाहिए की आप २७ नक्षत्रों के बारे में जानकारी हासिल कर लो और फिर ये जानकारी रखो कि चन्द्र कौन से नक्षत्र में है

हमेशा याद रखो कि चन्द्र एक नक्षत्र में अधिकतम ३० घंटे तक रह सकता है
इसके लिए आपको हमेशा पंचांग पर आधारित रहना होगा
वैसे तो शुरू शुरू में मै अन्य पंचांगों का आसरा लेता था किन्तु आब मै स्वयं पंचांग बनाता हूँ
जिसे मै मार्केट में नहीं लाना चाहता किन्तु यदि आपको यह लेख अच्छी लगी तो आप मुझसे ईमेल के माध्यम से मुझसे पंचांग प्राप्त कर सकते है

जब आपको बताना हो कि जातक का जन्म कब होगा तो आप सबसे पहले ये पता करें कि पिछली बार माहवारी कब आया था


जैसे उत्तर मिला १२ जनवरी तो आप उस दिन का नक्षत्र देख लीजिये नक्षत्र आया रोहणी तो आप आगामी दस बार जब रोहणी ना आये तब तक पंचांग पलटते रहिये निश्चित रूप से अक्टूबर महीने के किसी भी तारीख को रोहणी नक्षत्र आएगा जिसको चन्द्र दस बार पार कर चूका होगा तो आप उसको रोहणी नक्षत्र वाला डेट दे दीजिये और फिर आप मुझे बतायेगे कि आप चुके भी नहीं और आप ज्योतिषी बन गए




धन्यवाद्



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